लकी नंबर ही बन गया मौत की तारीख; पूर्व CM विजय रूपाणी 1206 को अपने लिए लकी समझते थे, उनकी सभी गाड़ियों का नंबर यही

Vijay Rupani Lucky Number 1206 Death of Date Ahmedabad Plane Crash

Vijay Rupani Lucky Number 1206 Death Ahmedabad Plane Crash

Vijay Rupani Lucky Number: अहमदाबाद विमान हादसे से पूरा देश स्तब्ध है। इस हादसे की भयावहता को शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है। हादसे में विमान में सवार 241 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। सिर्फ एक अकेला व्यक्ति किसी चमत्कार से जिंदा बच पाया। विमान में कुल 242 लोग सवार थे। हादसे में विमान के 241 लोगों समेत कुल 265 लोगों की मौत हुई है। इस हादसे में गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी की जान भी चली गई है। वह अपनी पत्नी और बेटी से मिलने लंदन जा रहे थे।

लकी नंबर ही बन गया मौत की तारीख

विजय रूपाणी की मौत को लेकर जहां उनके परिवार और बीजेपी पार्टी में भारी शोक की लहर दौड़ गई है तो वहीं अब विजय रुपाणी की मौत की तारीख को लेकर एक हैरान कर देने वाला संयोग सामने आया है। यह संयोग वाकई बेहद अजीब है। दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी अपने जीवन में एक नंबर 1206 को अपने लिए बेहद लकी मानते थे। यह नंबर उनके जीवन में उन्नति के रूप में भरोसे का प्रतीक था। ये नंबर विजय रूपाणी का इतना पसंदीदा था कि उन्होंने अपनी सभी गाड़ियों में यही नंबर ले रखा था।

विजय रूपाणी ने जब अपनी सबसे पहली गाड़ी खरीदी तो उसका नंबर भी 1206 ही था। यहां तक कि अपने मोबाइल नंबर में भी रूपाणी ने यह नंबर रखा हुआ था। लेकिन वक्त की चाल देखिए यही संख्या उनके लिए ऐसी अशुभ हो गई कि उनकी जान तक चली गई। 12-06 को ही अहमदाबाद विमान हादसे में विजय रूपाणी हमेशा के लिए इस दुनिया को छोड़ गए। यह लकी नंबर इस दुनिया में विजय रूपाणी का आख़िरी दिन बन गया। ये भी संयोग देखिए कि मौत के समय रूपाणी 12 नंबर की ही सीट पर बैठे हुए थे और उनका बोर्डिंग टाइम भी 12 बजे के करीब था।

Vijay Rupani Lucky Number 1206 Death of Date Ahmedabad Plane Crash

मौत ने चुना लकी नंबर

बताया जाता है कि, विजय रूपाणी को पहले अपनी पत्नी के साथ 05-06 तारीख को लंदन जाना था। लेकिन बाद में रूपाणी ने लंदन जाने की प्लानिंग बदल दी और केवल उनकी पत्नी ही अकेले 05-06 को लंदन चली गईं। इसके बाद विजय रूपाणी ने इसी महीने की एक अन्य तारीख को भी लंदन जाने का प्लान बनाया मगर वो भी कैंसिल कर दिया। आखिर में रूपाणी ने 12-06 को सफ़र करने का फैसला किया। वो नहीं जानते थे कि यह तारीख वह खुद नहीं तय कर रहे हैं बल्कि मौत ने उनके लिए यह तारीख तय की है।

सरल व्यवहार वाले व्यक्ति थे विजय रूपाणी

विजय रूपाणी का जन्म 1956 को म्यांमार में हुआ था। वो एक सफल व्यापारी भी रहे। रूपाणी ने एक व्यापारी होने के साथ-साथ राजकोट से अपना राजनीतिक सफर भी शुरू किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ने के साथ ही रूपाणी पहले जनसंघ और फिर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता रहे। 1976 में आपातकाल के दौरान रूपाणी जेल भी गए। वह 1978 में राजकोट के पहली बार मेयर बने। इसके बाद 2006 में राज्यसभा सांसद बने।

वहीं 2014 में मोदी सरकार आने के दौरान वह राजकोट पश्चिम विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। राजनीति में आने के बाद रूपाणी यहां भी सफल रहे और गुजरात के मुख्यमंत्री बने। वह 2016 से 2021 के बीच दो कार्यकाल के लिए गुजरात के सीएम रहे। रूपाणी पंजाब और चंडीगढ़ बीजेपी प्रभारी भी थे। विजय रूपाणी को सरल व्यवहार का व्यक्ति माना जाता था। इसी व्यवहार की वजह उनके कई लोग करीबी थे।

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